पृथ्वी
पर
मानव
की
उत्पत्ति
एवं
विकास
मनुष्य का वैज्ञानिक नाम-होमो सीपियन्स सेपियन्स
शब्द-लैटिन शब्द
अर्थ-बुद्धिमान मानव
विभिन्न स्थनो पर रहने वाले मानवो के समुदाय की संस्कृति का समूह विकास होने पर मानव सभ्यता का विकास हुआ |
इस प्रचीन सभ्यता को तीन भागो में बाँटा गया है |
A पाषाण काल
B कांस्य युग एवं ताम्र युग
C लौह युग
A पाषाण काल
पाषाण काल दो शब्दों से मिलकर बना है
पाषाण-पत्थर
काल-समय
"मानव ने रक्षा और भूख मिटाने के लिये सर्व प्रथम पत्थर के औजारों का उपयोग किया इसलिए इसे पाषाण काल कहते है "
यह काल मानव विकास क प्रथम काल है जिसमे मानव औजार पत्थर से बनाता था |
सर्वप्रथम 1863 ई के अनुसंधानों के आधार पर राबर्ट हुक ने पाषाण काल को दो भागों में बाँटा
1 पुरापाषाण काल
2 नव-पाषाण काल
बाद में बर्किट एवटाड ने पाषाण काल को उत्खननों के आधार पर तीन भागों में बाँटा
1 पुरा पाषाण काल
2 मध्य पाषाण काल
3 नव-पाषाण काल
1 पुरा पाषाण
काल
*इस काल का मुख्य भोजन माँस,कन्द मूल एवं फल थे |
*इस काल की प्रमुख खोज -आग की खोज थी |
*मानव घुमक्कङ किस्म का था |
*औजारों में सर्व प्रथम कुल्हाड़ी, चाकू आदि बनाये तथा प्रमुख औजार पत्थर के बने बेडौल एवं भौडी आकृति के थे |*जीविका के लिए पूर्ण रूप से प्रकृति के ऊपर निर्भर था |
*ठण्ड से बचने के लिए पेड़ो के पत्ते एवं छालो पर निर्भर था |
*मृतकों को दफनाता था |
*जंगली जानवरो के चित्र बनाता था |
*आल्तमीर -स्पेन,लास्को-पश्चिमी फ़्रांस, भीमवेतका-भारत की गुफाओ की दीवारों पर बने चित्र इस काल को दर्शाते है |
2 मध्य पाषाण
काल
*मध्य पाषाण काल में कुत्ता मानव का प्रथम पालतू पशु था|
*निवास-कन्दराओ तथा पहाड़ियों पर
*मृतकों को दफनाता था तथा पारलौकिक भावना का जन्म हुआ |
*खेती करने की भावना का विकास हुआ |
3 नव-पाषाण
काल
*प्रमुख औजार-हत्थे दार कुल्हाड़ी एवं हसिया था |
*प्रमुख अविष्कार -पहिये की खोज
*पशु पालन की शुरुआत हुयी जिसमे गाय.भैंस,बकरी।कुत्ता,घोड़ा, बैल प्रमुख थे |
*मिटटी के बर्तन निर्माण सुरु हो गया था |
*वस्त्र निर्माण होने लगा था |
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पृथ्वी
पर
मानव
की
उत्पत्ति
एवं
विकास
B कांस्य युग
एवं
ताम्र
युग
नव पाषाण युग का अन्त होते-होते मानव ने पत्थर के साथ-साथ धातुओं का इस्तेमाल करना सुरु कर दिया इस युग में सबसे पहले तांबे का प्रयोग सुरु हुआ जिस कारण इस युग को ताम्र पाषाण युग कहा गया है| जिसमे तांबे का प्रयोग दक्षिण इराक़ के सुमेर नामक क्षेत्र से आरम्भ होना माना जाता हैऔर बाद में मनुष्य ने तांबे व जस्ते को मिलाकर मिश्र धातु कांसा बनाना सीख लिया था |
इस युग की और निम्न लिखित विशेषताएं है जो निम्न प्रकार है-
*कृषि में सुधार
*नगरों एवं शहरों का उदय
*सिंचाई की सुविधा का विकास हुआ
*व्यापार का विकास हुआ जिससे सामाजिक जीवन का संगढन प्रारम्भ हुआ|
*शासन व्यवस्था का उदय हुआ |
*धर्म भाषा एवं कला का विकास हुआ |
C लौह युग
ताम्र एवं कांस्य काल के पश्चात लौह
युग का प्रारम्भ हुआ
जिससे मनुष्य के जीवन का वैज्ञानिक
विकास प्रारम्भ हुआ जिससे मनुष्य ने विभिन्न नदियों के किनारे रहना
प्रारम्भ किया जिसको सभ्यता नाम से जाना जाता
है-
*सिन्धु नदी के किनारे-सिन्धु सभ्यता,हड़प्पा सभ्यता का विकास
*दजला एवं फ़रात नदी के किनारे-सुमेरिया की सभ्यता क विकास
*नील नदी के किनारे-मिस्र
की सभ्यता का विकास हुआ
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